मध काल में किसी भी शासक के लिये भारत जैसे बड़े उपमहदीप पर राज करना इतना मुमकिन नहीं था. अपने से पिछले शासकों के उल्ट मुगलों ने एक ऐसे सम्राज की स्थापना की और वो कार्य पूरा किया जो अब तक छोटी अवधि के लिए माना जाता था. Mughal Empire ने 16 वी सदी में Delhi से Agra तक अपने राज का विस्तार शुरू किया और 17 वी सदी पूरे भारत पर उन्होंने कब्ज़ा कर लिया था.
उन्होंने प्रशासन के ढांचे और शासन के लिए जो क़ानून बनाये थे .उनके पतन के बाद भी टिके रहे थे.मुग़लों ने भारत पर 300 से भी जायदा सालों तक राज किया था. मुग़ल empire एक ऐसा सम्राज था. जिसके बाद आने वाले शासक भी अपने आप को अछूता रख ना सके. आज भारत के Prime Minister भी 15 August वाले दिन मुगलों के निवास स्थान लाल किले पर झंडा लिहरा कर अपने देश को संबोधित करते हैं.
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Mughal कौन थे
मध्य-16 वीं शताब्दी और 17-वीं शताब्दी के अंत के बीच Mughal Empire भारतीय उपमहाद्वीप में प्रमुख शक्ति थी। Mughal Empire की स्थापना 1526 में हुई और पतन 1707 के बाद शुरू हो गया था ,यह राजवंश कभी कभी तिमुरिड राजवंश के नाम से जाना जाता है क्योंकि Babur Timur का वंशज था।
Mughal Empire की स्थापना बाबर ने 1526 में की थी, जो एक मध्य एशियाई शासक था. Mughal Empire दो जातियों के मिश्रण से बना हुआ है . इन में से एक जाति का नाम तुर्क और दूसरी जाति का नाम मंगोल था .जो अपने पिता की ओर से तुर्को-मंगोल विजेता तैमूर से और माता के तरफ से चंगेज खान के वंशज थे ।
यह दोनों जातियों बहुत ताकतवर थी . Mughal अपने आपको Timur और Mongol कहलाना पंसद नहीं करते थे . मंगोल के शासक से Genghis Khan बड़े करू और जालम था और वह अपने आप को तानाशाह मानता था. ऐसा इसलिए था क्योंकि Genghis khan से जुड़ी यादें हजारों व्यक्तियों नरसंहार से संबंधित थी. दूसरी तरफ Mughal तैमूर के वंशज होने पर ज्यादा गर्व महसूस करते थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि उनके पूर्वज ने 1398 में Delhi पर कब्ज़ा कर लिया था.
Babur(1526-1530)
बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 में Uzbekistan मैं हुआ था. Babur का पूरा नाम Zahir-ud-din Muhammad Babur था . वह तैमूर और Genghis Khan का परपोता था. 1494 उत्तराधिकारी बनने के बाद बाबर ने 1504 ईस्वी को काबुल पर अपना कब्जा कर लिया था. इसके बाद उसने 1519-1526 भारत पर 5 बार हमला किया पर उसको सफलता 1526 में पानीपत की लड़ाई में मिली थी. उसने पानीपत की लड़ाई में दौलत खां लोदी की मदद से इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुगल वंश की नींव रखी थी.इस तरह उसने 1526 se 1530 तक राज किया. Babur ki मौत के बाद उसका का बड़ा बेटा हुमायूं गद्दी पर बैठा.
हुमायूं (1530-1540)(1555-1556)
1530 में अपने पिता की मौत के बाद हुमायूं राज्य संभाला और Mughal Empire का दूसरा शासक बना. उसने लगभग 10 वर्ष तक भारत पर शासन किया परंतु अफगानी शासक Sher Shah Suri ने दो बार हराया. पहले उसे 1539 मैं चोरों से और दूसरी 1540 में कन्नौज में बहुत बड़ी हार मिली थी. इन पांचों ने उसे ईरान की तरफ भागने को मजबूर कर दिया था. और 15 साल तक बरकत आ रहा. इस दौरान शेरशाह की की मौत हो गई .हेमा उन्हें ईरान के शासक की मदद से शेर शाह के बेटे सिकंदर सूरी को हराने में सफल रहा दोबारा हिंदुस्तान का राज प्राप्त किया. जबकि इसके कुछ समय बाद ही 1556 मैं एक इमारत दुर्घटना दौरान उसकी मौत हो गई थी.
Akbar(1556-1605)
हुमायूं की मौत के बाद अकबर Mughal Empire के उत्तराधिकारी बने और उस समय वे केवल 13 साल के थे. अकबर 50 सालों तक मुगल वंश के शासक रहे थे. अकबर अकेला ऐसा शासक था जिसने Mughal Empire की नींव को पक्का बनाया अकबर ने लगातार अपनी जीतो के साथ भारत के आधे से ज्यादा क्षेत्र को अपने अधीन कर लिया था. इसके साथ उन्होंने राजपूतों के साथ उदारवादी नीति अपनाकर उनसे खतरे को काम किया. अकबर ने अपने शासनकाल के दौरान 9 नवरत्न बनाए .जो उनकी हर समय मदद करते थे.
Akbar एक महान विजेता और महान प्रशासक था. जिसने ऐसे स्थानों की स्थापना करी जो एक प्रशासनिक प्रणाली नीव सिद्ध हुए और जिन्होंने ब्रिटिश कालीन भारत में प्रचलित किया गया . अकबर ने अपने शासनकाल के दौरान गैर मुसलमानों के प्रति उदारवादी नीतियों, धर्म नवाचार भूमि राजस्व प्रणाली, और उसकी प्रसिद्ध मनसबदारी प्रथा मोहल्ला सैनिक संस्था और नागरिक प्रशासन का आधार बनी. अपने शासन के अंतिम वर्षों में अकबर की सत्ता राजकुमार सलीम के और और दुल्ला भट्टी के विद्रोह के कारण लड़खड़ा गई थी. 1605 मैं 50 साल की उम्र में अकबर की मौत हो गई थी और उसे सिकंदरा (Tomb of Akbar the Great Area) के बाहर दफनाया गया. अकबर को इतिहास में एक महान स्थान प्राप्त हुआ है.
जहांगीर 1605-1627
अकबर की मौत के उसके बेटे सलीम ने Mughal Empire का तख्तो ताज संभाला इसके बाद उसका नाम जहांगीर पड़ गया था और जिसका अर्थ होता है दुनिया का विजेता. जहांगीर ने मेहर उन निसा से निकाह किया और जिसने उसे नूरजहां का नाम दिया. वह उससे बेइंतहा मोहब्बत करता था इसलिए उसने प्रशासन की बागडोर नूरजहां के हाथों में सौंप दी थी.उसने अपने शासनकाल में कई सुधार किए.
जहांगीर ने अकबर के सैन्य अभियान को आगे बढ़ाया मेवाड़ के सिसोदिया शासक अमर सिंह ने मुगलों की सेवा स्वीकार की इसके बाद सिखों aur पर अहमदनगर के खिलाफ अभियान चलाए गए जो पूरी तरह सफल नहीं हुए .हिंदुओं और ईसाइयों के साथ उसका संबंध बहुत अच्छा था पर सिखों के साथ उसका संबंध बहुत अच्छा नहीं था. यही कारण था क्यों उसने सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी को लिख दे मौत के घाट उतरवा दिया था.और छठे
गुरु श्री गुरु हरगोबिंद राय को भी कैद कर लिया था.जहांगीर ने अपने शासनकाल में कला साहित्य और वास्तुकला फल फूल और एक नगर बनवाया जिसको आज मुगल भाग के नाम से जाना जाता है. जहांगीर के शासन के अंतिम वर्षों में राजकुमार खुर्रम ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया था यही राजकुमार शाहजहां के नाम से प्रसिद्ध हुए.1627 वी में जहांगीर की मौत हो गई थी.
शाहजहां (1627-1658)
जहांगीर की मौत के बाद उसका बड़ा बेटा शाहजहां ने तख्त संभाला .शाहजहां का जन्म नाम खुर्रम था बाद में उसने अपना नाम शाहजहां रख लिया जिसका अर्थ होता है दुनिया का राजा. दक्षिण में शाहजहां के सैन्य अभियान जारी रहे. एक अफगानी रईस खान लोधी ने शाहजहां का विरोध किया पर वह भी असफल रहा. विरोध किया और वो पराजित हुआ अहमदनगर के विरुद्ध अभियान चलाए गए जिसमें बुंदेलों की हार हुई और ओरछा पर कब्जा कर लिया गया उत्तर पश्चिम में बल्क पर कब्जा करने के लिए उस देवों के विरुद्ध अभियान चलाए गए जो असफल रहे परिणाम स्वरूप गांधार सफीदों के हाथ में चला गया .
शाहजहां वस्तु का राजा कहा जाता है क्योंकि उसने लाल किला जामा मस्जिद दिल्ली में स्थित यह दोनों इमारतें सिविल इंजीनियरिंग और कला की उपलब्धि के रूप में खड़ी है. इसके अलावा शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में में आगरा में यमुना नदी के किनारे पर एक सफेद संगमरमर महल बनवाया जो आगे चलकर ताजमहल के रूप में प्रसिद्ध हुआ . साल 1658 में उसके पुत्रों के बीच उत्तराधिकार को लेकर झगड़ा शुरू हो गया शुरू हो गया. इसमें औरंगजेब की विजय हुई और दारा शिकोह समेत उसके तीन भाइयों को मौत के घाट उतार दिया गया शाहजहां को उसकी बाकी की जिंदगी के लिए आगरा के किले में कैद कर दिया गया
औरंगजेब(1658-1707)
औरंगजेब ने 1658 से लेकर 1707 तक राज किया. 1663 का उत्तर पूर्व में औरंगजेब की पराजय हुई परंतु उन्होंने 1680 में दोबारा विद्रोह किया उत्तर पश्चिम यूसुफजई और सिखों के विरुद्ध अभियान को अस्थाई सफलता मिली मारवाड़ के राठौर राजपूतों ने मुगलों के खिलाफ विद्रोह किया था इसका कारण था उनकी आंतरिक राजनीति और उत्तराधिकार के मामले में मुगलों का हस्तक्षेप मराठा सरदार शिवाजी के विरुद्ध कई अभियान चलाएं और जिसमें वह सफल भी हुआ
परंतु औरंगजेब ने शिवाजी का अपमान किया और शिवाजी आगरा स्थित मुगल क्या दिखाने से भाग निकले उन्होंने अपने को स्वतंत्र शासक घोषित करने के पश्चात मुगलों के खिलाफ अपने अभियान चलाए पुणे अभियान चलाएं. अपने 50 वर्षों के शासन में पूरे उपमहाद्वीप पर एक साथ एक चलाने की आकांक्षा को पूरा करने का प्रयास किया. औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में Mughal Empire को अपने क्षेत्र के सर्वोच्च बिंदु तक पहुंचाया.
इस तरह की हाल बिगड़ती चली गई हालत बिगड़ती चली गई 1707 ईस्वी में 90 साल की उम्र में उसकी मौत होगी उससे मैं उसके पास कोई भी संपत्ति नहीं थी उसकी मौत के बाद विरोधी ताकते उठ खड़ी हुई थी और इस तरह शक्तिशाली Mughal Empire का पतन शुरू हो गया था.
The Mughal Family Tree
Final Words For Mughal Empire
Aurangzeb के बाद आ Mughal Empire का पतन शुरू हो गया था. इसके बाद मुगल शासन के लिए आपस में ही लड़ने लगे थे जिसके कारण कोई भी शासक ज्यादा समय तक का Mugal Empire पर राज ना कर सका जिसका फायदा ब्रिटिश सरकार ने उठाया और मुगल साम्राज्य को जड़ से उखाड़ फेंका . हमने Mughal Empire tree की सूची तैयार की है जिसके द्वारा आप को ज्यादा समझ लग जाएगी. अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी तो दोस्तों के साथ इस पोस्ट को शेयर जरूर करना ताकि उनको भी पता चल जाएगी मुगल वंश का स्थापना कैसे हुई थी.